पारिवारिक ईश-विनय
पारिवारिक ईश-विनय
हे दयामय! आपका हमको सदा आधार हो।
आपके भक्तों से ही भरपूर यह परिवार हो।॥१॥
छोड़ देवें काम को और क्रोध को मद-मोह को।
शद्ध और निर्मल हमारा सर्वदा व्यवहार हो।।२।।
प्रेम से मिल-मिल के सारे गीत गायें आपके|
दिल में बहता आपका ही प्रेम-पारावार हो।।३।।
जय पिता जय-जय पिता हम जय तुम्हारी गा रहे|
रात दिन घर में हमारे, आपकी जयकार हो।।४।।
धन-धान्य घर में जो प्रभो! सब आपका ही है दिया|
उसके हित प्रभु आपका धन्यवाद सौ-सौ बार हो।।५।|
पास अपने हो न धन, तो उसकी कुछ परवाह नहीं।
आपकी भक्ति से ही धनवान् यह परिवार हो।।६||