ऋषि दयानन्द के अनुसार आश्रम व्यवस्था
ऋषि दयानन्द के अनुसार आश्रम व्यवस्था
आश्रम-व्यवस्था को महर्षि मानव जीवन की सफलता के लिए या समाज व राष्ट्र की सुख-शान्ति के लिए अति आवश्यक मानते हैं। ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास का विभाग मानव-जीवन की शत वर्षीय सफलतम योजना है। इसमें अनेक समस्याओं का समाधान छिपा है।