शूरवीर किसको कहते हैं


         शूरवीर किसको कहते हैं


                    वेदाऽध्ययनशूराश्च शूराश्चाऽध्ययने रताः।


             गुरुशुश्रूषया शूराः पितृशुश्रूषयाऽपरे।।1।।


             मातृशुश्रूषया शूरा भैक्ष्यशूरास्तथाऽपरे


             अरण्यगृहवासे च शूराश्चाऽतिथिपूजने।।2।।


           जो मनुष्य वेदादि शास्त्रों के पढ़ने-पढ़ाने में शूरवीर, जो दुष्टों के दलन और श्रेष्ठों के पालन में शूरवीर अर्थात् दृढ़ोत्साही उद्योगी, जो निष्कपट परोपकारक अध्यापकों की सेवा करके शूरवीर, जो अपने जनक की सेवा करके शूरवीर ।। 1 ।। जो माता की परिचर्या से शर, जो संन्यासाश्रम से युक्त अतिथिरूप होकर सर्वत्र भ्रमण करके परोपकार करने में शूर, जो वानप्रस्थाश्रम कर्म और जो गृहाश्रम के व्यवहार में शर होते हैं वे ही सब सुखों के लाभ करने कराने में अत्युत्तम होके धन्यवाद के पात्र होते हैं कि जो अपना तन,    मन, धन, विद्या और धर्मादिशुभ गुण ग्रहण करने में सदा उपयत करते हैं।।2।।


           


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