वर्ण व्यवस्था
वर्ण व्यवस्था
प्रश्न 1 वर्ण-व्यवस्था क्या है?
उत्तर- सामाजिक व्यवस्था के लिये सभी सामाजिक कार्यों को चार भागों (वर्णो) में बाँटा गया है। इसी व्यवस्था का नाम वर्ण-व्यवस्था है। सब वर्ण बराबर हैं।
प्रश्न 2 वर्ण कितने प्रकार के होते है?
उत्तर- वर्ण चार है ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
प्रश्न 3 वर्ण-व्यवस्था कब और किसने शुरू की?
उत्तर- यह व्यवस्था वेदों के आधार पर महर्षि मनु ने लाखों वर्ष पूर्व प्रारम्भ की थी।
प्रश्न 4 क्या वर्ण व्यवस्था तथा जात-पात में कोई अन्तर है?
उत्तर- जात-पात तथा वर्ण व्यवस्था में बहुत अन्तर है वर्ण व्यवस्था व्यक्ति के गुणों पर आधारित है जबकि जात-पात जन्म पर। इस प्रकार वर्ण व्यवस्था के आधार पर एक शूद्र अपने कर्मो और गुणों के कारण ब्राह्मण भी बन सकता है जबकि जात-पात के आधार पर जिस जात में व्यक्ति ने जन्म लिया है उसकी जाति वही रहेगी ।
प्रश्न 5 इतिहास में से इनका कोई उदाहरण दीजिए?
उत्तर- इस के उद्धारण तो सैंकड़ो हैं। जैसे विश्वामित्र क्षत्रिय-कुल के थे, और बाल्मीकि जन्म से भील थे। ये सभी अपने गुणों के कारण महर्षि बन गए। इस कारण अन्य भी बहुत से उद्धारण दिए जा सकते हैं।
प्रश्न 6 शूद्र किसे कहते हैं?
उत्तर- जो विद्या ग्रहण नहीं कर सकता हो, और निन्दा, ईर्ष्या, अभिमान आदि दुरगुणों को छोड़ कर, अन्य वर्णो की ईमानदारी से सेवा कर सकता है, वही शूद्र कहलाता है। मनु के अनुसार शूद्र सहित सभी वर्ण महत्वपूर्ण हैं। सभी आर्य हैं।