अधिक धन
पास होता अधिक धन इंसान के
बल बढ़े चाहे बुद्धि श्रीमान के
बिरला बचा है दुनिया में इनसे
पद प्रतिष्ठा घर है अभिमान के।
अधिक धन से जब उपेक्षित गरीब हो
बलशाली की मजाक कमजोर हो
बुद्धिमान अफवाह फैलाने लगें
कुचक्र चाल का कारण अभिमान हो।।
पास होता अधिक धन इंसान के
बल बढ़े चाहे बुद्धि श्रीमान के
बिरला बचा है दुनिया में इनसे
पद प्रतिष्ठा घर है अभिमान के।
अधिक धन से जब उपेक्षित गरीब हो
बलशाली की मजाक कमजोर हो
बुद्धिमान अफवाह फैलाने लगें
कुचक्र चाल का कारण अभिमान हो।।