ज्ञान अज्ञान का रंग
ज्ञान अज्ञान का रंग
१. स्वस्थ मनुष्य की आंख से जो मैल निकलती है (गीग) वह सफेद रंग की होती है और कान से जो मैल निकलती है-वह खाकी (भूरी) रंग की होती है एवं नाक और मुख से भी सफेद रंग की श्लेष्मा (बलगम) निकलती है । परन्तु मूत्रेन्द्रिय और गुदा का मल पीलिमा लिये होता है । प्रायः विशेष अवस्थाओं में विशेष रंग का होता है। ज्ञानेन्द्रियां सतोगुण रूप हैं-इसलिये उनसे मल भी उसी रूप से निकलता है । परन्तु जब उनमें दोष आजाए, मनुष्य रोगी हो जाए, तो मुख का मल हरा, खाकी, नीला, पीला, नासिका का मल भी ऐसे ही, और कान का काला और खाकी मल निकलता है । तथा आँख का खाकी-सा मल निकलता है । अज्ञान का रंग काला-सियाह खाकी होता है, और ज्ञान का सफेद ।