खुद पे ना गुमान कर तू ,
खुद पे ना गुमान कर तू ,
खुद पे ना गुमान कर तू ,
देश का भी मान रख ।
तुझसे ही यह देश अपना ,
देश पे तू जान रख ।।
याद कर कुर्वानियां वो,
देश पर जो मर मिटे थे ।
है सुरक्षित देश जिनसे ,
उनका भी सम्मान रख ।।
लड़ रहे आपस में देखो ,
देश की करते हैं बात ।
स्वार्थ पूरा करने को
देश पर करते हैं घात ।
खो रहे अभिमान अपना ,
हो रहे हैं मद में चूर ।
कुर्सी की खातिर ये देखो ,
करते हैं कैसे उत्पात ।।