शारदे नमन
मात शारदे कर कृपा, दे दो यह वरदान।
दास तुम्हारे द्वार है , रहे न वह अज्ञान।।
माता देवी ज्ञान की, राखो शरण लगाय।
मूरख है दासी बहुत, ज्ञानी देव बनाय।।
मात शारदे सुन रही, करते विनती भक्त।
जो जाते हैं शरण में,बनते वही ससक्त।।
माँ वीणा धारी करे , भक्तों का उद्धार।
सच्चे मन जो करें,माँ की जय जयकार।।