वंदना
वंदना
हे माँ शारद तव चरणों में,
नमन बारम्बार।
माथ नवाऊँ माँ यश गाऊँ,
कीजिये भवपार।।
माँ रुद्राणी वीणापाणी,
मात तू संसार।
अब कृपाकर दे मुझको वर,
तू ही तारणहार।।
तव चरणों में जीवन वारूँ,
दो ज्ञान भंडार।
मैं शरणागत नित गुण गावत,
कीजिये उपकार।।
हे माँ वाणी जग कल्याणी,
हे कला आधार।
गीत गजल का छन्द व रस का
दीजिये उपहार।।