ईसा और मरियम 3

इन दोनों वाक्यों ने गर्भाधान का स्वाभाविक प्रकार भी बता दिया है जो कि सभी प्राणियों और मनुष्यों में प्रचलित है। यह प्रकार गर्भधारण का विश्व भर में सदैव मानव जाति में विवाहित स्त्री पुरूषों के लिए ही विहित माना जाता रहा है। ___ कुँआरी कन्याओं में इसे बुरा व निषिद्ध माना गया है। इस प्रकार देवी मरियम का प्रसन्नतापूर्वक कुँआरेपन में स्वेच्छा से गर्भ धारण करना आपत्तिजनक अर्थात् कानून के विरूद्ध था। मरियम यहूदी वंशीय कन्या थी। यहूदी जाति का धर्मग्रन्थ अर्थात ईश्वरीय पुस्तक 'तौरेत' कहलाता है। उसका कानून भी इस विषय में देखना आवश्यक होगा। कुँआरे स्त्री पुरूषों के बारे में जो कि व्यभिचार करते हैं, उनके लिए क्या दण्ड व्यवस्था उसमें दी गई है? हम वह नीचे देते हैं, देखिये यहूदियों का धर्म ग्रन्थ तौरेत इस विषय में क्या कहता है?“यदि किसी कुंआरी कन्या के विवाह की बात लगी हो और कोई दूसरा पुरूष, उसे नगर में पाकर उससे कुकर्म को ॥२३॥


___तो तुम उन दोनों को उस नगर फाटक के बाहर ले जाकर उनको पत्थराव करके मार डालना, उस कन्या को तो इसलिए कि वह नगर में रहते हुए भी नहीं चिल्लाई और उस पुरूष को इसलिए कि उसने अपने पड़ोसी की स्त्री की पत-पानी ली है, इस प्रकार तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना ॥२४॥ परन्तु यदि कोई पुरूष किसी कन्या को जिसके विवाह की बात लगी हो, उसे मैदान में पाकर बार-बार उससे कुकर्म अर्थात् बलात्कार करे तो केवल वह पुरूष मार डाला जाये जिसने कुकर्म किया हो ॥२५॥ और उस कन्या से कुछ न कहना क्योंकि उस कन्या का पाप प्राण दण्ड के योग्य नहीं, क्योंकि जैसे कोई अपने पड़ोसी पर चढ़ाई करके उसे मार डाले वैसे ही यह बात भी ठहरेगी ॥२६॥ कि उस पुरूष ने उस कन्या को मैदान में पाया और वह चिल्लाई हो सही, परन्तु उसे कोई बचाने वाला न मिला ।।२७॥ और व्यवस्था विभागलय २२) इस यहूदी शास्त्र की व्यवस्था के अनुसार स्वेच्छा पूर्वक गर्भ धारण करने वाली होने से मरियम पत्थर मार-मारकर मार डालने योग्य थी क्योंकि लूका के अनुसार पवित्रात्मा से उसने अपनी राजी से गर्भाधान कराया था, न तो वह चिल्लाई थी और न ही उसने पवित्रात्मा को गर्भाधान करने से रोका था। यदि यहूदियों को यह बात पता लग जाती तो देवी मरियम को अवश्य मार डाला जाता*। यह रहस्य तब खुला जब उसकी मंगनी यूसुफ (बढ़ई) के साथ हो गई और वह उसके पास गया जैसा कि बाइबिल में लिखा है देखिये - अब यीशू मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई तो इनके इकट्ठे अर्थात् संयुक्त होने से पहिले वह पवित्र आत्या की और से गर्भवती पाई गई ॥१८॥


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