आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार
त्रिफला- श्वेतप्रदर रोग में लगभग आधा लीटर पानी में 12 ग्राम त्रिफला या 1 लीटर पानी में लगभग 6 ग्राम खाने वाले सोड़े को मिलाकर स्त्री को अपनी योनि में उस पानी की छींटे मारनी चाहिए। श्वेतप्रदर रोग में इस पानी की पिचकारी देना भी बहुत लाभकारी रहती है।
गूलर- श्वेतप्रदर रोग में स्त्री को लगभग 6 ग्राम गूलर या आधा ग्राम रसौत की सुबह और शाम को पानी के साथ फंकी लेने से लाभ होता है। अगर इन चीजों को मक्खन के साथ लिया जाए तो यह रोग जल्दी दूर हो जाता है।
आंवला- लगभग 25 ग्राम आंवला को रात में 250 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठने के बाद छान लें। इस छने हुए पानी में लगभग 12-12 ग्राम शहद और खांड मिलाकर पीने से श्वेतप्रदर रोग में लाभ होता है।