महात्मा ज्योतिबा फुले का सत्यशोधक आंदोलन कैसे फेल हुआ??
महात्मा ज्योतिबा फुले का सत्यशोधक आंदोलन कैसे फेल हुआ??
दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज स्थापित किया 1875 में क्योंकि1873 में भारत का जनरल पिछड़ा वर्ग , अति पिछड़ा वर्ग के एजुकेशन और साइंटिफिक टेंपर के लिए ज्योति राव फुले जी ने सत्यशोधक समाज को स्थापित किया था !
आर्य समाज स्थापित करने का उद्देश्य यही था कि 99% भारतीयों को वैज्ञानिक एजुकेशन से दूर कर दिया जाए ! वैसे ही जैसे हजारों सालों से दूर रखा गया था !
सत्यशोधक समाज खत्म कर फिर संस्कृत में फर्जी किताबे लिखकर लोगों को धर्म , जाति, वर्ग के नाम पर गुमराह किया जाने लगा ! जो वेद हवन आज तक देवताओं को खुश करने के लिए किया जाता था ! अचानक से विज्ञान उसमें टपक पड़ा ! 99% लोगों को विज्ञान क्या होता है , एजुकेशन क्या होता है, यही नहीं पता था ! लोगों को वेद पढ़ने की तरफ घसीटा जाने लगा !
जिस वेद मंत्र सुन लेने में कान में सीसा पिघला कर डाल दिया जाता है , वेद मंत्र बोलने पर जिव्या काट ली जाती थी , उसे अचानक से सबके लिए ओपन कर दिया गया , यह षड्यंत्र था !
जिस के चंगुल में शोषित वर्ग फिर से फस गया , शोषित वर्ग थोड़ा सा सम्मान पा कर , मगर के घड़ियाली आंसू में बहक कर , उसके जाल में फिर से जा फसा ! आज सबको पता है , किसके बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ रहे हैं , कैसे बच्चे विदेश में सेटल हो रहे हैं !
जबकि बाकियों को धर्म खतरे में बताकर , इंग्लिश को, अंग्रेजों की भाषा बता कर , उससे दूर रख कर फिर से जाल में फसाया जा रहा है !