वेद-शास्त्र ऐवं प्राचीन भारतीय आदर्शों का विधिवत्
वेद-विद्या पारंगत सती भगवती माता सीता जी ईस आर्यवर्त्त (भारत) की महिलाओं के लिए ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण भूतल के लिए महान् आदर्श हैं।
राजसुख वैभव को त्याग अपने पति मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी के साथ भयंकर वन में गमन, संसार के महान् योद्धा राक्षसराज रावण की धमकियों से किंचिन्मात्र भी भयभीत न होकर उसे कड़े शब्दों में फटकारना उस महती वीरांगना आध्यात्मिक शक्तिसम्पन्ना देवी का ही साहस था। रावण के सभी प्रलोभनों को ठुकराना उस महान् सती तपस्विनी का ही कार्य था।
भगवतीदेवी माता सिता की तरह वेद-शास्त्र ऐवं प्राचीन भारतीय आदर्शों का विधिवत् बुद्धिपूर्वक अध्ययन अवश्य करें।
ईश्वर सबको सुमति व शक्ति प्रदान करे।