विलासिता और जीवन
जीवन में हम बहुत प्रकार की वस्तुओं का उपयोग करते हैं। उन वस्तुओं में कुछ सस्ती होती हैं, कुछ मध्यम मूल्य की, और कुछ बहुत अधिक मूल्य की अर्थात मँहगी होती हैं। ये वस्तुएँ इसलिए प्रयोग की जाती हैं, कि हम अपने जीवन की रक्षा कर सकें। जैसे भोजन वस्त्र मकान यान आदि साधन हमें जीवन रक्षा के लिए आवश्यक होते हैं।
अब एक व्यक्ति जीवन रक्षा के उद्देश्य से वस्तुओं का प्रयोग करता है। दूसरा व्यक्ति कुछ आराम की दृष्टि से भी इन चीजों का प्रयोग करता है। तीसरा व्यक्ति तो अत्यंत प्रदर्शन और दूसरों पर अपना प्रभुत्व जमाने के लिए बहुत महंगी वस्तुओं का प्रयोग करता है। अर्थशास्त्र की भाषा में इस बात को ऐसे कहा जाता है, कि तीन प्रकार की आवश्यकताएँ होती हैं। एक - अनिवार्य आवश्यकताएं . दूसरी - आराम की सुविधाएं. और तीसरी - विलासिता की वस्तुएं.
तो बुद्धिमत्ता की बात यह है, कि यदि आप विलासिता में प्रवेश करेंगे, तो बहुत मँहगा पड़ेगा। जैसे कोई बहुत महंगी कार खरीदे, 75 लाख की, या 2 करोड़ की, या 3 करोड़ की। यह विलासिता की चीज है। इसका उद्देश्य प्रायः प्रदर्शन करना होता है। दूसरा व्यक्ति आराम की दृष्टि से अपने सामर्थ्य के अनुसार 10/12 लाख रुपए की कार खरीद लेता है। ऐसी कार खरीद लेना ठीक है। तीसरा व्यक्ति बहुत धनवान नहीं है, वह 4/5 लाख की सामान्य कार खरीद लेता है। उससे उस की आवश्यकता पूरी हो जाती है।
अब सबका सामर्थ्य बहुत अधिक नहीं होता। इसलिये विलासिता में जाना बहुत मँहगा पड़ता है। बाकी अपने सामर्थ्य के हिसाब से अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेना अच्छा है। या कुछ अधिक सामर्थ्य हो, तो आराम की सुविधाओं का भी प्रयोग किया जा सकता है। यह सस्ता और सुखदायक है।
इसी प्रकार से जो लोग झूठ की रक्षा कर करते हैं, झूठे लोगों को प्रोत्साहन देते हैं, स्वयं भी झूठ बोलते हैं, आगे चलकर ऐसा व्यवहार भी अत्यंत दुखदायक एवं हानिकारक सिद्ध होता है। झूठ की रक्षा करने के लिए दूसरों की चापलूसी भी करनी पड़ती है। उन पर आश्रित रहना पड़ता है।
तब बुद्धिमान लोग कहते हैं कि ऐसा व्यवहार आपको बहुत महंगा पड़ेगा।
जबकि इसके विपरीत जो लोग सत्य का समर्थन करते हैं, सत्यवादी को सहयोग देते हैं, स्वयं सत्य का आचरण करते हैं, वे सदा सुखी प्रसन्न, शांत और निर्भय रहते हैं। सत्य का पालन करने में किसी की चापलूसी नहीं करनी पड़ती, और प्रायः स्वात्मनिर्भरता भी बनी रहती है। ऐसा आचरण सस्ता, सरल और सुखदायक होता है