अर्बन जिहाद

अर्बन जिहाद --


प्रसिद्ध वक्ता श्री पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी ने अनेक बार बताया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रांगण (कैम्पस) मे उनके परिवार को हिन्दू होने के कारण कई बार परेशान किया गया। 


कुछ दिन पहले आपने देखा होगा कि CAA के विरोध मे जामिया मिलिया इस्लामिया और JNU मे दंगे हुए थे। 
देश की 2 यूनिवर्सिटी जिनमे SC/ ST व OBC आरक्षण नहीं है वह हैं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तथा जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी 


जामिया की स्थापना अलीगढ़ मे की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य इस्लामिक शिक्षा देना था। जामिया के संस्थापक नेताओं में से अली ब्रदर्स के नाम से मशहूर मुहम्मद अली जौहर और शौकत अली थे। ये दोनों खिलाफत आंदोलन के मुखिया थे। गांधी ने जबरदस्ती हिंदुओं को भी खिलाफत आंदोलन मे घसीट लिया था। खलीफा और खिलाफत का भारत से कोई संबंध नहीं था। 
चित्र मे जामिया के प्रोफेसर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट है। नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने के कारण गैर मुस्लिम छात्रों को फेल करने का मामला जामिया मिलिया इस्लामिया से आया है। अबरार अहमद नाम के असिस्टेंट प्रोफेसर ने ट्वीट कर ऐसे 15 गैर मुस्लिम छात्रों को फेल करने का दावा किया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद सफाई देते हुए उसने इसे मजाक बताया था। हालॉंकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जॉंच पूरी होने तक उसे सस्पेंड कर दिया है।


खुद को जामिया का पूर्व छात्रा बताने वाली शिवांगिनी पाठक ने बताया है उन्हें उनके नाम के कारण कभी पसंद नहीं किया गया। उन्होंने लिखा, “मैंने जामिया से MA किया है। प्रथम वर्ष में 67% अंकों के साथ टॉप भी किया था। लेकिन हिजाब वाली एक डायरेक्टर मुझे हमेशा नीचा दिखाती थी, क्योंकि उन्हें मेरा नाम नहीं पसंद था। नक्सलियों के प्रति झुकाव रखने वाले एक अन्य प्रोफेसर ने मुझे हमेशा कम नंबर दिए। जिहादी नक्सलियों की सॉंठगॉंठ काफी मजबूत है।”


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