स्वामी दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र
एक बार एक व्यक्ति ने पंडित गुरुदत्त जी से कहा कि मैं चाहता हूं कि आप स्वामी दयानंद सरस्वती का जीवन चरित्र लिखें। तो पंडित जी ने कहा कि मैं लिखने का यत्न कर रहा हूं। उसने पूछा कि जरा मुझे दिखाइए कितना लिखा है? इस पर पंडित जी ने कहा कि स्वामी जी का जीवन चरित्र कहीं कागज़ पर नहीं, किन्तु अपने जीवन में लिखना चाहता हूं। पंडित जी का यह संदेश हम आर्यों को अपने कर्तव्य का यथोचित बोध कराता है।