आज का विचार
मन को बुरे विचारों से दूर रख कर हमेशा अच्छे विचार और अच्छे संकल्प ही मन में धारण करने चाहिए ।सभी प्रकार के अच्छे या बुरे विचार धारण करने वाला यह हमारा मन ही है और - " तन्मे मन: शिव संकल्पमस्तु " ( यजुर्वेद ) के अनुसार ऐसा हमारा मन कल्याणकारी और शुभ संकल्पों वाला हो ऐसा हमें सदैव ध्यान रखना होगा ।तभी हम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकेंगे।
मन को शुद्ध रखने का काम हमारी बुद्धि करती है और बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है इसलिए हमें हमेशा ज्ञान प्राप्त करने में जुटे रहना चाहिए ।मनुस्मृति में कहा है कि -
अद्भिर्गात्राणि शुद्ध्यन्ति मनः सत्येन शुद्ध्यति ।विद्यातपोभ्यां भूतात्मा बुद्धिर्ज्ञानेन शुद्ध्यति । मनुस्मृति - 5-109
जल से शरीर शुद्ध होता है , सत्य से मन शुद्ध होता है , विद्या और तप से आत्मा तथा ज्ञान से बुद्धि शुद्ध होती है ।
जो भी व्यक्ति इन चार प्रकार की शुद्धियों को धारण करेगा वह मन , आत्मा और शरीर से सदा निरोग और स्वस्थ बना रहेगा और संसार के सब सुख भोगता हुआ अपना जीवन सफल कर सकेगा ।
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