दयालु पिता हे दया हम पर कर दो

 


 


 



 



प्रार्थनामय भजन-
दयालु पिता हे दया हम पर कर दो
कभी न विमुख हों वरद हाथ धर दो।
दयालु पिता हे---
करें कर्म तेरा, वरें धर्म तेरा।-२
भरें ज्ञान तेरा, चलें साथ वर दो।।
दयालु पिता हे---
कभी न विमुख---
जपें नाम तेरा, करें गान तेरा।
पियें पान तेरा, अमिय क्वाथ भर दो।।
दयालु पिता हे---
कभी न विमुख---
चलें तेरे मत पर, विमल वेद पथ पर।
खिलें देह रथ पर, छतर तात धर दो।।
दयालु पिता हे---
कभी न विमुख---
तजें दोष दुर्गुण, भरें शील सद्गुण।
तुझी से रहें जुड़, वो बरसात कर दो।।
दयालु पिता हे---
कभी न विमुख---
अंतिम विनय यह, मिटें सारे भ्रम भय।
मिले मोक्ष आनंद पूर्ण नाथ कर दो।।
दयालु पिता हे-----
कभी न विमुख---




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