विश्वासघात
विश्वासघात
प्रतिदिन घरों में किसी की मां, किसी की बहन, बेटी या पत्नी खाना पकाती है। भोजन करते समय यदि आपके सामने खाने की थाली में एक टूटा हुआ सिर का केश दिख जाए..
जो कि आपकी ही मां बहन या पत्नी का अनजाने में टूटकर गिर गया हो तो भी आप उससे विचलित हो जाते हैं, खाने से मन हट जाता है और बिना सोचे समझे प्रतिक्रिया भी कर देते हैं...
क्योंकि वह सिर का केश आपको भोजन में दिख गया था.. और यदि ऐसा तीन चार दिन में एक दो बार भी हो जाये तो.. चार बाते ओर बड़बड़ाने लगते हैं
आप ईंट का जवाब पत्थर से व गोली का उत्तर बम से दे सकते हैं...
लेकिन सड़क पर खड़े किसी थूकलमान के मूत्र से मार्जन करके शुद्ध किये फल को आप बडे आराम से खा सकते हैं! क्यों?
क्योंकि वह थूक व मूत्र दिखाई नहीं देता...
वहां कोई संशय भी नहीं है प्रतिक्रिया तो दूर की बात है।
आजकल एक दो नहीं बल्कि सैकडों वीडियो वायरल हो रही हैं..
कोई फलो, सब्जियों पर थूक रहा है, कोई ब्रेड टोस्ट पर मक्खन लगाने से पहले थूक रहा है, डिलीवरी ब्वाय पिज्जा बर्गर पैक करने से पहले उनमें थूककर होम डिलीवरी कर रहे हैं, किसी के मुंह में थूक कम है और फल सब्जियां अधिक है तो वह बर्तन मे मूत्र करके छिडक कर काफिरों को बेचने की तैयारी कर रहे हैं...
यह हम डरा नहीं रहे आपको, ये कल्पना नहीं है..
कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें 7-8 शान्तिदूत साफ सुथरे धूले प्लेट चम्मचों पर थूक लगाकार खाना परोसने की तैयारी कर रहे थे किसी ने छूपकर वीडियो बना लिया था, आश्चर्य तो यह है कि उनमें एक भी व्यक्ति किसी दूसरे को ऐसा करने से रोक नहीं रहा था बल्कि थूकने मे सब सम्मिलित थे...
जो सेक्यूलर कीडे कहते हैं कि सब थूकलमान एक जैसे नहीं है तो उनकी पहचान कैसे हो जब 7-8 व्यक्तियो मे एक भी समझदार नहीं दिख रहा, वे बच्चे तो नहीं थे, सभी वयस्क थे।
जो किसी प्रतिष्ठित फूड कम्पनी में ब्रेड पर मक्खन के साथ साथ थूक रहा है वह अनपढ नहीं है...
अभी यूपी बिजनौर से जो मूत्र जेहाद की वीडियो वायरल हो गई उसमें जो व्यक्ति उठक बैठक कर रहा है वह कोई छोटा बच्चा नहीं है।
टिक टाक मे एक तथाकथित सुपर स्टार किसी राह चलती बहन से जानबूझकर टकराता है फिर वापस अपने हाथो पर थूककर उस बहन के सामने जाकर कान पकड साँरी बोलता है, हाथ मिलाकर आगे बढकर हंसता है..
व्यक्ति कहाँ क्या कर रहा है यह ईश्वर से अन्य कोई जानता नहीं..
विश्वास पर दूनिया चलती हैं यह ठीक बात है..
हेयर सैलून व ब्यूटी पार्लर में आप आरामदायक कुर्सी पर बैठकर पीछे आंखें बंद कर लेते हैं चेहरे पर मसाज चल रही है क्रीम और साबुन के साथ साथ हाथों पर थूक लगाकर चन्द्रमा सा चेहरा चमकाया जा रहा है...
और आप थप्पड़ लात मारने की बजाय अच्छी फीस व पुरस्कार भी दे रहे हैं धन्यवाद भी कह रहे हैं.. क्यों ? क्योंकि भोजन की थाली में टूटे केश की तरह वहां दिख नहीं रहा है वरना आप...
ठीक है सब एक से नहीं होते है लेकिन इसकी गारंटी कौन लेगा कि वह ठीक वाली नस्ल कौन से देश में पायी जाती है..
बदतमीजी की पराकाष्ठा हो गई है
आप सबके घरों में जिस दिन कोई बहन बेटी पत्नी या मां व्रत उपवास रखती है उस दिन तो अवश्य ही केला, सेव, अंगुर खाती ही है.. क्योंकि शुद्धि का पवित्रता का कार्य है...
आप कितना भी जल से धो लीजिए यदि उन्हें आपको मूत्र पिलाना ही है तो भले ही संतरो मे मूत्र के इन्जेक्शन लगाने पडे.. आप बच नहीं सकते.. वे सौ यत्न करेंगे
जब तक कि व्रत उपवास वाले लोग ही इन व्यापार में नहीं घुसेगे तब तक ऐसा ही चलेगा..
इसलिए सामान की क्वालिटी नहीं बल्कि दुकानदार की क्वालिटी देखकर सामान खरीदे। व्यक्ति की चेतना का ध्यान रखें।
हर किसी के हाथ/घर का खाना अच्छा नहीं होता।
महर्षि व्यास जी ने महाभारत में लिखा कि दुर्योधन ने श्री कृष्ण को निमन्त्रण दिया, विशेष भोजन पकवान तैयार किये..
लेकिन कृष्ण ने मना कर दिया और विदुर जी के घर प्रसन्नता से सामान्य साग रोटी खायी।
जिन्हें आपके अस्तित्व से ही घृणा है नफरत है उससे लेन देन खाना लेना बहुत घातक हो सकता है।
संविधान भी आपको यह स्वतन्त्रता देता है।
आप जिससे चाहे वहां से सामान ले सकते हैं..
लेकिन श्री कृष्ण की तरह व्यक्ति की चेतना का ध्यान अवश्य रखें।
sarvjatiy parichay samelan,marriage buero for all hindu cast,love marigge ,intercast marriage ,arranged marriage
rajistertion call-9977987777,9977957777,9977967777or rajisterd free aryavivha.com/aryavivha app