व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति, अपने कर्म के प्रति हमें हमेशा स्थिर रहना चाहिए

 


 


 


 


 


 


आप देख रहे हैं आज का वैदिक विचार। अस्थिरता से व्यक्ति भटक जाता है ,भ्रमित हो जाता है ,अपने लक्ष्य से विमुख हो जाता है, इसलिए व्यक्ति को अपने लक्ष्य के प्रति, अपने कर्म के प्रति हमें हमेशा स्थिर रहना चाहिए । जो व्यक्ति निरंतर - प्रतिदिन कार्य करता रहता है वह अपने लक्ष्य को पहुंच जाता है, अस्थिरता की उपमा कुत्ते से की गई है और वेद बार-बार यह कहता है कि मनुष्य को विचार करके चलना चाहिए ।वह पहले संकल्प कर ले, विचार कर ले कि मुझे क्या करना ? मेरा क्या लक्ष्य है ? फिर वह चल पड़े इसलिए इसलिए कहा है --पड़े पढ़े तो पत्थर भी भगवान बन जाते हैं, जैसे कि व्यक्ति प्रतिदिन 5 मिनट ही सही व्यायाम करे,प्रार्थना करें तो उसको 3 महीने में परिणाम दिख जाते हैं। धन्यवाद वेद ,वैदिक दर्शन ,वैदिक- सिद्धांतों ,शारीरिक- -आत्मिक -सामाजिक -बौद्धिक -राष्ट्रीय चिंतन को सुनने के लिए अवश्य ही वैदिक राष्ट्र यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें। लाइक करें शेयर करें घंटी को दबाएं- जिससे कि आपको ऐसे सुविचार, वैदिक विचार ,प्रेरणादायक कहानियां, आज का वैदिक विचार, वैदिक संदेश, वैदिक विचार मिलते रहें । धन्यवाद आचार्य भानु प्रताप वेदालंकार इंदौर मध्य प्रदेश । आर्य समाज मंदिर इंदौर मध्य प्रदेश । गुरु विरजानंद गुरुकुल इंदौर मध्य प्रदेश 9977987777 



 


 


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