प्रसिद्धि धन-संपत्ति नौकर चाकर सैर सपाटा सम्मान इत्यादि का भी मूल्य है,
प्रसिद्धि धन-संपत्ति नौकर चाकर सैर सपाटा सम्मान इत्यादि का भी मूल्य है, परंतु इन सबसे अधिक मूल्यवान मन की शांति है। उसे अवश्य खोजें।
संसार में कुछ लोग गरीब हैं, उन्हें तो बस दिन भर रोटी कमाने की ही चिंता रहती है। कुछ इनसे ऊंचे स्तर के लोग हैं, जिन्हें मध्यम वर्गीय कहा जाता है। उनके पास दाल रोटी तो है। साधारण मकान भी है। वे अधिक धन संपत्ति प्राप्त करने की इच्छाएं करते हैं। परंतु कुछ और बहुत अधिक धनवान लोग हैं, या अनेक साधन संपन्न हैं, वे लोग धन सम्मान सुविधाएं नौकर चाकर खाना-पीना सैर सपाटा मौज-मस्ती आदि सब करते हुए भी एक वस्तु की खोज हमेशा करते रहते हैं, जो उनके पास नहीं होती; वह है मन की शांति।
वैसे मन की शांति तीनों स्तर के लोग ढूंढते रहते हैं, फिर भी वह उन्हें मिलती नहीं। मिलेगी कैसे? जिन कार्यों के करने से शांति मिलती है, उन कार्यों को वे लोग करते नहीं। तो शांति किन कार्यों के करने से मिलती है? माता पिता की सेवा, बड़ों का आदर सम्मान, ईश्वर की उपासना, यज्ञ हवन करना, प्राणियों की रक्षा करना, गाय घोड़े कुत्ते आदि को भोजन देना, पक्षियों को दाना खिलाना, रोगी विकलांग गरीबों आदि की सहायता करना इत्यादि। इन कार्यों को करने से शांति मिलती है।
इन कार्यों में लोगों को रुचि नहीं है, इसलिए वे सदा मन की शांति से वंचित रहते हैं। यदि इन कार्यों को करें, तो शांति सामने ही है, जीरो 0 किलोमीटर की दूरी पर।
- स्वामी विवेकानंद परिव्राजक।
smelan, marriage buero for all hindu cast, love marigge , intercast marriage , arranged mar