लक्ष्मी पूजन
लक्ष्मी पूजन
दीपावली पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्ति बनाकर पूजने वाले सज्जनो! इस नकली मूर्ति पूजा से कुछ हाथ ✋ न लगेगा। यदि लक्ष्मी अर्थात् सांसारिक धन पाना चाहते हो तो लक्ष्मी को समझकर उसी की पूजा करो। लक्ष्मी किसे कहते हैं? जो सब चराचर जगत् को देखता, चिह्नित करता अर्थात् दृश्य बनाता, जैसे शरीर के नेत्र, नासिका, वृक्ष के पत्र, पुष्प, फल 🍎 आदि व मिट्टी, सूर्य, चन्द्र आदि बनाता , ऐसा वह परमेश्वर लक्ष्मी कहलाता है।इसी प्रकार - वेदैराप्तैर्योगिभिश्च यो लक्ष्यते स लक्ष्मी: सर्वप्रियेश्वर: अर्थात् जो वेदादि शास्त्र वा धार्मिक विद्वान् योगियों का लक्ष्य अर्थात् देखने योग्य है वह परमेश्वर लक्ष्मी कहलाता है।जरा सोचो कि ऐसे सर्वव्यापक आनन्दस्वरूप परमेश्वर की कभी मूर्ति बन सकती है? जब विश्व का कोई भी छायाकार साकार वायु का छायाचित्र नहीं ले सकता, तो आपके पास निराकार परमेश्वर रूप लक्ष्मी का चित्र कहाँ से आ गया? अहो!! योगिजन जिसका ध्यान अन्तर्मुख होकर करते हैं, असम्प्रज्ञात समाधि में जिसके स्वरूप में निमग्न होते हैं वह शुद्ध परमेश्वर मूर्तिपूजा करने वालों को कभी हाथ नहीं लग सकता अत: लक्ष्मीपूजन योगाभ्यास की रीति से करना योग्य है और यदि केवल भौतिक आवश्यक पदार्थरूप लक्ष्मी को पाना चाहते हो तो वह भी ऐसी अवास्तविक पूजा करके नहीं अपितु परमेश्वर की पुरुषार्थ रूप आज्ञा का पालन करके ही उसके अनुग्रह से प्राप्त कर सकते हो।जो मनुष्य परमेश्वर की पुरुषार्थ करने की आज्ञा को तोड़ेगा उसे ईश्वर का अनुग्रह कभी प्राप्त न होगा, अत: पुरुषार्थ करके ईश्वर का अनुग्रह प्राप्त करो तभी लक्ष्मी की प्राप्ति होगी।
आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी ९४१२११७९६५